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Rajbahadur Yadav

Fantasy

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Rajbahadur Yadav

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"सरस्वती वंदना"

"सरस्वती वंदना"

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हे शारदे मां!

तू सब को तार दे मां।

तू ज्ञान की हो देवी,

सब को उबार दे मां।।

     कलुषित भाव भंगिमा में,

     ले के द्वेष रूप अंगिका में।

     मानव, मानव को उतार रहा,

    सच्चे प्रेम को प्रतिकार रहा।।

    सच्चे प्रेम का तू आधार दे मां,

     हे शारदे मां!

    तू सबको तार दे मां।।



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