"बालक फूल हैं चमन के"
"बालक फूल हैं चमन के"
ये फूल हैं चमन के,
इन्हें तुम सजा लो।
खिल उठेंगे देश में,
देश तुम बना लो।
मत छीनों अधिकार,
तुम दो इन्हें संस्कार।
इन्हें प्रेम से लगा लो,
ए फूल हैं चमन के।
इन्हें तुम सजा लो।।
अज्ञानता से ए भरे हैं,
पर सद्भाव में ए खरे हैं।
पतित राह से बचा लो,
ए फूल हैं चमन के।
इन्हें तुम सजा लो।।
इनके सीखने की चाह में,
कदम हो बढ़ने की राह में।
इन्हें हर कदम संभालो,
ये फूल हैं चमन के।
इन्हें तुम सजा लो।।
खिल उठेंगे देश में,
देश तुम बना लो।।