सरला की दोहावली
सरला की दोहावली
1- पुंसवन संस्कार
यह पुँसवन संस्कार है,विधिवत करते लोग।
गर्भ तीसरे माह में, शिशु का देखकर योग।।
2-सीमन्तोन्नयन संस्कार
करते यह संस्कार हैं, गर्भ आठवें मास।
कहते सीमन्तोन्नयन,रोग न आये पास।।
3- जातकर्म संस्कार
शिशुका जिसदिन जन्म हो,करते यह संस्कार।
जातकर्म कहते इसे, करे रीति संसार।।
4- नामकरण संस्कार
रखते इस दिन नाम हैं, बच्चे का शुभ सोच।
नामकरण कहते इसे, रखे न कोई लोच।।
5- निष्क्रमण संस्कार
करते यह संस्कार हैं, शिशु निष्क्रमण जान।
सूर्य चन्द्र किरणें करें, बालक से पहचान ।।
6-अन्नप्राशन संस्कार
निकले जब शिशु दाँत है, देते ठोस आहार।
करें अन्नप्राशन सभी, यह भी है संस्कार।।
7- मुंडन संस्कार
मुंडन शिशु सिर का करें,पावन दिन को जान।
करते यह संस्कार हैं, करें साथ में दान।।
8- कर्णवेधन संस्कार
पहनाते हैं कुछ प्रथम, शिशु को उनके कान।
कहें कर्णवेधन इसे, उपयोगी बहु जान।।
9- विद्यारम्भ संस्कार
शिशु का विद्यारम्भ हो,देख दिवस शुभ वार।
पूजे गुरु अरु शारदा, पावन यह संस्कार।।
10- उपनयन संस्कार
होता उम्र विशेष पर, यह पावन संस्कार।
गले जनेऊ डालते, मिलता हर्ष अपार।।