साथी हाथ बढ़ाना
साथी हाथ बढ़ाना
साथी हाथ बढ़ाना एक दूजे बोझ मिलकरसाथ उठाना ।।
मुश्किलो में साथ साथ एक दूजे के दिल से साथ मीट जाएंगी मुश्किलें वक्त को मेहमा बनाना साथी हाथ बढाना एक दूजे का मील कर बोझ उठना।।
नई दुनियां नया जमाना नए जोश से नई मंजिल मकसद समाज बनाना साथी हाथ बढ़ाना एक दूजे का मिलकर बोझ उठाना।।
एक अकेले की ताकत कम नहीं मिल जाए जब कुछ साथ एक एक मिलकर लाखो हज़ारो हद हस्ती संग साथ से दुनिया में खुशहाली लाना साथी हाथ बढ़ाना मील करएक दूजे का बोझ उठाना।।
भेद भाव नहीं कोइ दीवार नहीं नफरत का व्यवहार नहीं प्यार यार के दिल दौलत की कायनात खजाना साथी हाथ बढ़ाना मील कर एक दूजे का बोझ उठाना।।
दुनियां का दस्तूर यही जिंदगी ईमान इबादत खुदा भगवान के रौशनी की विसासत खूबसूरत इंसानी इनाययत को बचाना साथी हाथ बढ़ाना मिल कर एक दूजे का बोझ उठाना।।
टूटे आईने की तरह विखरे जज्बे जज्बातों की की मोहब्बत एक दूजे की इज़्ज़त महफूज बनाना साथी हाथ बढ़ाना मिलकर एक दूजे का बोझ उठाना।।
हर दिल दमन किमती दौलत इंसानी रिश्तों की पूंजी को बेजा नहीं गवानासाथी हाथ बढ़ाना मिलकर एक दूजे का बोझ उठाना।।
मोती माफिक रिश्तों का इंसान रिश्तों के माले से गर टूटअलग हो जाता इंसान वजूद बेकार जिंदगी बोझ भार ईसानी रिश्तों को जज्बे के धागे में गूँथ वतन की शान बनाना साथी हाथ बढ़ाना मिलकर एक दूजे का बोझ उठाना।
ख़त्म हो जाएंगी दुश्वारियां नहीं होगी मेहरबानियां नजरिया तरक्की ताकत मुस्कुराहट बनाना साथी हाथ बढ़ाना एक दूजे का मिककर बोझ उठाना।।