Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nand Lal Mani Tripathi

Classics Inspirational

4  

Nand Lal Mani Tripathi

Classics Inspirational

माँ आज भी तेरा आशीर्वाद प्यार मेरा संसार

माँ आज भी तेरा आशीर्वाद प्यार मेरा संसार

2 mins
244


संदेश तुझे क्या मैं दे सकता

मेरे पास कुछ भी नही ऐसा।।

जो मेरा है, जो भी है मेरे पास

तूने ही दिया मेरा कुछ भी नही

मेरे पास।।

रखा जब कदम युग अविनि पर तेरे

आँचल की साया ममता दुलार कवच 

विश्वास।।


भूखा नंगा रोता चिल्लाता

तूने अपना स्तनपान कराया

काया मेरी जीवन तेरा सत्कार।।        


भय भूख से लड़ने की

शक्ति साहस भी तेरा

सोच समझ ज्ञान योग्यता

तेरे ही परिवरिश परमार्थ।।


कुछ भी देना चाहूं तो पास 

नही कुछ भी जो मेरा है।।

तू जननी है ,माँ तू ही भरणि है

जो भी है मेरे पास तेरा ही

प्यार परवरिस प्रयास।।


क्या जाने भगवान देखा ही नहीं

जिसको पत्थर में मिल जाता है।।

कोमल ममता दुलार वात्सल्य

भाव भावना जन्म जीवन दायनी

भाग्य भगवान तू प्रत्यक्ष याथार्त

प्रमाण भाग्य भगवान माँ।।


मैं तूझसे जन्मा ,मेरे सद्कर्मो 

का फल तेरा दूध जीवन अमृत।।

रात रात भर तुझे जगाता ना तू

क्रोधित होती ना होती तंग।।


चाहे कितनी भी आ जाए विघ्न बाधाएं 

सदा तू आगे बढ़कर बन जाती

दुर्गा काली कवच काल।।

कभी कभार तू भूखी भी रह जाती

पर मैं भूखा रहूँ पल भर सहन ना कर

पाती आ जाये छींक भी सारे

वैद डॉक्टर बुलवाती।।


मिर्चे जलाकर नज़र उतरती

जब भी बाहर जाता जाने से

पहले लाख देती हिदायत 

जब तक घर ना आ जाऊं

मेरी राह निहारती।।


हर पल मेरे चेहरे की आभा से

मेरे सुख दुख का करती लाख सवाल।।

छुपाना चाहूं फिर भी सत्य छिपा

ना पाऊं माँ की ममता के आगे

हर पल शीश झुकाऊं।।


नही चाहती माँ सर उसकी

संतान का झुके कहीं उसकी

सदा चाहत उसका लाल परिवार

समाज राष्ट्र का अहंकार बनेअभिमान।। 


झुकना हो तो बेटे के कदमों में शत्रु

दुष्टों का अभिमान झुके माँ की मंशा 

यही धरती आसमान झुके।।


खरोच भी मेरे वदन पर देख सहन

नही कर पाती देख लिया यदि लाखो

प्रश्न कर जाती लाख बहाने बनाऊं

सच्चाई छिप नही पाती।।


मेरे ख़िलाफ़ एक शब्द माँ सुन नहीं

पाती कोशिश करता यदि कोई तो

उसकी त्रुटियों से उसकी

औकात बताती।।


यही कामना माँ मेरी तेरा

आशीर्वाद प्यार की छाया

मेरी काया की परछाई हो।।

तू ना बिछड़े कभी ना माँ

बेटे की कभी जुदाई हो

प्रत्यक्ष भले ना हो ना दिखती

पर पास सदा तू रहती।।


तेरी ही सीखों आदर्शो पर

साँसों धड़कन की दुनिया मेरी

चलती।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics