जगत के विविध क्षेत्रों में लोग
जगत के विविध क्षेत्रों में लोग
इस जग में संसाधन तो हैं विविध
इन सारे संसाधनों का मूल आधार।
जन संसाधन विकसित जब होगा
तब बाकी की हों संभावनाएं अपार।
दूजे संसाधनों के जैसा जन संसाधन का
सारे जगत में वितरण तो है बड़ा असमान।
कुछ ऐसे हैं क्षेत्र जो अति सघन बसे हुए,
और मध्यम-विरल और कुछ निर्जन-वीरान।
प्रति वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में रहते हैं जितने इंसान,
जनसंख्या घनत्व उसे कहते, होता ये संख्यात्मक मान।
वर्ग किलोमीटर में ले क्षेत्रफल किसी क्षेत्र का,और इससे
कुल जनसंख्या को देकर भाग,यह घनत्व सकते हैं जान।
हर वर्ग किलोमीटर में दो सौ जन से ज्यादा वाले,
माने गए हैं सघन ही जनसंख्या वाले स्थान।
उत्तरी-पूर्वी हिस्सा यू एस ए का,उत्तर-पश्चिम के संग
और दक्षिण वाले यूरोप महाद्वीप क्षेत्र सघन लें जान।
पूर्वी और दक्षिण - पूर्व वाले भाग भी तो एशिया के,
इसी तरह बसे ही हुए सब के सब हैं सघन स्थान।
समतल उपजाऊ भूमि-सुखद जलवायु क्षेत्र वाले
और प्रचुर जल उपलब्धता वाले उचित सुगम स्थान।
घने बसे हुए ये क्षेत्र होते हैं अपनी प्यारी सी दुनिया के,
आकर्षित करतीं मानव को सुख-सुविधाएं ले ऐसा जान।
इन सुविधाओं से रहित जो हिस्से अपने इस ही इस जग के,
अति विरल ही बसे हुए हैं जहां रहना न चाहे कोई भी इंसान।
उत्तरी-दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्रों संग उष्ण-शीत मरुस्थलों
और उच्च वर्षा वाले भूमध्य रेखा के आसपास के स्थान।
जनसंख्या -घनत्व एक व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से कम,
वाले इन विरल आबाद क्षेत्रों में,रहते हैं बहुत ही कम इंसान।
सघन-विरल आबादी वाले क्षेत्रों के मध्य में आते जो स्थान,
मध्यम आबाद कहे जाते हैं ये, न बहुत अधिक न कम इंसान।
