दिल बेचारा
दिल बेचारा
आज से,
तेरा हर गम,
मेरा हो गया,
मेरी हर खुशी पर,
हक अब,
तेरा हो गया,
दिल मेरा धड़कता है,
सिर्फ तेरे ही वास्ते,
दर्द तेरा लेकर,
मेरा प्यार भरा,
हर लम्हा तेरा हो गया,
यह सौदा तो,
तब ही कर लिया था,
जब मेरे दिल पर,
इखित्यार,
तेरा हो गया था,
चैन तुझे देख कर,
तेरी बेचैनिया ले ली थी,
करार यह पक्का,
उसी दिन हो गया था,
अब तो यहां,
सिर्फ जिस्म है,
दिल तो निकल कर,
कब से तेरे दिल में ही,
खो गया था,
आज किसी और की,
बाहों में,
तुझे देख कर,
मेरा दिल जो,
तेरे ही पास था,
तड़पकर,
बेचारा गम से,
मायूस हो गया था,
आज वापस भी,
लौटना जो चाहा उसने,
तो मेरा ही जिस्म,
उसके लिए,
बेगाना हो गया था,
यह कैसी स्थिति,
अजब सी खड़ी हो गई,
इम्तिहान की घड़ी,
क्यों इतनी बड़ी हो गई?
अब ना,
दिल को,
तेरे पास ही आना है,
और,
मेरा जिस्म तो,
कब का उसके लिए,
हो गया बेगाना है,
क्या करें,
अधर में रह गया,
प्यार तुझसे किया,
और,
तुझ में ही,
उलझ कर रह गया,
फँस गया,
यह दिल,
आसानी से झमेले में,
इतना ही,
काफी नहीं था,
जो तेरे दिल,
पर हक,
किसी और का हो गया,
अब कहां जाए,
किस से फरियाद करे,
तेरे दिल से निकलकर,
कैसे दूसरा जहां,
आबाद करें,
इसी कशमकश में,
बेचारा,
घुट कर रह गया,
दिल तेरइश्क में,
पडकर,
आज बेचारा सा,
खड़ा रह गया,
जब ना सही गई,
बेताबी दिल की,
तब मेरे जिस्म को,
छोड़कर बेचारा दिल,
मुझे अलविदा कह गया,
बेचारा दिल मेरा,
बेचारा ही रह गया।।

