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राजकुमार कांदु

Tragedy Classics Inspirational

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राजकुमार कांदु

Tragedy Classics Inspirational

भ्रष्टाचार

भ्रष्टाचार

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270


हर बंदा शिकार है इसका, त्रस्त ये दुनिया सारी है

भ्रष्टाचार नहीं मिटने का, यह तो बड़ी बीमारी है

भ्रष्टाचार मिटाने का, नेताजी भाषण देते हैं

फेंक के टुकडे कागज का, वह जनता का मत लेते हैं


करके खर्च करोड़ों में, अरबों पाने की बारी है

भ्रष्टाचार नहीं मिटने का, यह तो बड़ी बीमारी है

राशन कार्ड बनाना हो या, फिर चालक बन जाना है

कोई भी हो काम हमें तो, पूजा पड़ा चढ़ाना है


बिन पूजा कोई काम बने ना, जाने दुनिया सारी है

भ्रष्टाचार नहीं मिटने का, यह तो बड़ी बीमारी है

नियमों की परवाह करो ना, डरने की कोई बात नहीं

ऐसा कोई श्वान नहीं है, जो हड्डी को खात नहीं


दाल गलेगी नहीं किसीकी, गर जेब तुम्हारी भारी है

भ्रष्टाचार नहीं मिटने का, यह तो बड़ी बीमारी है

भ्रष्टाचारी रावण हैं, इनको कैसे हम मारेंगे

पत्थर से टकराकर सर को, खुद ही खुद से हारेंगे


मारना है रावण को तो फिर, राम हमें बनना होगा

रिश्वत ना दो ना लो सबसे, बात यही कहना होगा

सर ना उठाये फिर से रावण, करनी अब तैयारी है नहीं तो

भ्रष्टाचार नहीं मिटने का, यह तो बड़ी बीमारी है।


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