सरकारी तंत्र
सरकारी तंत्र
आज काम हो रहे सरकारी तंत्र से सारे ,
काम निकलना नहीं है आसान ,
जिससे वंचित रह जाते कई गरीब बेचारे I
उच्चवर्ग खुश है काम सारे पूरे होते आराम से ,
काम निकालो सरकारी तंत्र से दे दो चाहे दाम सारे ,
कई लोगों के काम होते पूरे सिर्फ नाम से I
लम्बी -लम्बी लाइन है लगता हर जगह फ़ाईन है ,
पैसा देते ही हो जाता है काम सारा ,
जिसके पास नहीं है पैसा ,वह रह जाता है बेचारा I
सत्ता का देखो कैसा घमंड है ,काम चाहे मंद हो ,
भ्रष्टाचार इनको भाता है ,मुफ्त का पैसा जेब में जाता है ,
यह सरकारी तंत्र गरीबों के काम क्यों नहीं आता है I
जहाँ गरीब अपने लिए आवाज उठाते हैं,
सरकारी तंत्र उनकी सच्चाई को क्यों दबाते हैं ,
बदले में झूठा आश्वासन फिर देते हैं I
सरकारी तंत्र की आड़ में पनपता भ्रष्टाचार है ,
यह सुविधा तो आम आदमी के लिए बेकार है ,
यह सरकारी तंत्र इसलिए बदनाम है I