सर्दियों की शाम
सर्दियों की शाम
कड़ाके की ठंड सर्दियों की शाम ले आती है।
हर एक-एक, अंग–अंग पूरा ठिठुरा जाती है।
अलमीरा से लगे कंबल और रजाई निकलने
तो आ गई वो सर्द मौसम यही हमें बताती है।।
ये मौसम लगता सबको सबसे ज्यादा प्यारा
जब सजनी अपने साजन को गले लगती है।।
सर्द हवा की शीत लहरे जब कानों पर जाये
तो पूरा शरीर बर्फ के जैसा जमाती जाती है।
सर्दियों की शाम में तेरी याद खूब सताती है।
क्योंकि चाय और मूड दोनों गज़ब बनाती है।।

