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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

"सफलता का शिखर"

"सफलता का शिखर"

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सफ़लता का मिलेगा शिखर

अपने लक्ष्य पर रख तू नजर

शूल मिले या तुझे फूल मिले,

तू कर्म करने से पीछे न हट

तू हार को सफलता समझ

पायेगा कामयाबी का शहर

अपने लक्ष्य पर रख तू नजर


तूफानों में होकर चल तू, निडर

पायेगा जरूर साहिल समंदर

जितना आगे बढ़ता जायेगा,

उतना खुद को अकेला पायेगा,

शिखर पे टूटते अच्छे-अच्छे पर

बुलंदियों पे तेरा साथ छोड़ देंगे,

अच्छे-अच्छे तेरे नजदीकी नर

सफल होने पर सदैव मिलेगा,

तुझे साखी अकेलेपन का जहर

अपने लक्ष्य पर रख तू नजर


मत घबरा, पराक्रम दिखा अंदर

जीत अवश्य ही तेरी होगी,

अपना कर्म तू ईमानदारी से कर

कोई न पूछेगा, तेरे संघर्ष के दिन,

सब बोलेंगे, ये कैसा हुआ सफल

अपने लक्ष्य पर रख तू नजर

बाकी ज़माने से रह तू बेखबर

सफल होते, आ जायेगी मखियाँ

समझकर तुझे गुड़ का कोई घर

अपनों में आयेगी ईर्ष्या जबरदस्त,

जितना पायेगा सफलता का वर

तू न देना, ध्यान राह के शूलों पर

तुझे पहुंचना है, आखिर अंबर

अपने लक्ष्य पर रख तू नजर



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