सोचा था तू आएगा
सोचा था तू आएगा
सोचा था तू आएगा...
घर मेरे खुशियाँ हज़ार लाएगा
तेरे किलकारी से गूंजेंगे हर कोना - कोना।
महीनों इंतजार किया तेरे होने के एहसास का
फिर वो दिन भी आया जब तूने छुआ अपने मां के दिल का हर एक कोना,
पालने में झूलाने से पहले मैंने गर्भ में तुझे झुलाया,
तू बोलता कुछ मुझसे मैं तुझसे कुछ कहती
शिकायतें भी तेरी तेरे पापा से लाखों करती
पर जब तू शांत होता कभी एक पल को भी तो बचकानी हरकत कर के तुझे जगाती।
बिन तुझे देखे जो मैंने तुझे देखा था, हां तू बिल्कुल वैसा ही था।
मांगा था उससे तुझे रो रो के
हमारे इस बगिया को भर दो भगवान कि ये सूना आंगन खिल खिल उठे,
फिर सींचा तुझ फूल को हमने माली - मालिन के तरह
उम्मीदें कर ली ना जाने कितने अटपटे।
न जाने कई नाम से तुझको हम पुकारा करते थे,
हां अब समझा हमने की थी गलती,
नाम तो हमारा तू बदलता इक मालिन को मां और एक माली को पिता बनाता।
तेरी मुस्कान से फुर्सत ही कब मिलती जो किसी और के बगिया को देखते हम, तू
तो हमारा वो सपना था जो हमने जिंदगी में दूजा देखा था अपने बाद।
हर रात जगाया मुझे ये कह कह के बस आज भर मां
कल मैं आ ही जाऊंगा ।
क्यूं तू परेशान होती है तेरा ये लाडला शरारती है थोड़ा
शायद तेरा ही है ये साया।
हर सुबह मैं जगती की आज तू आएगा , रो रो के मुझे मां बुलाएगा
तू आया तो ......
तू आया तो बस रोया ही नहीं बाकी सुनी मैंने तेरी सब बात।
तूने कहा तो.. मां तुमने ही तो देर कर दी मुझे लाने में
मैं तो कबसे आने को आतुर था...हां तुमने ही तो देर कर दी।
