सैनिक की गाथा
सैनिक की गाथा
अभिमान है उन शौर्यवानों पर
जो देश के लिए लड़ते हैं,
मातृभूमि की रक्षा में वे
सदा जीते और मरते हैं।
भारत है जिनका परिवार
भारत है जिनका अभिमान,
भारत है जिनका स्वाभिमान
भारत के लिए जो देते हैं जान।
कोटि-कोटि नमन है उन वीरों को
जो देश के लिए दुश्मनों से लड़ते हैं,
लहू से लथपथ होकर भी
सर उठाकर वंदे मातरम् कहते हैं।
नतमस्तक करती हूँ उन जननी को
जो वीरों को जन्म देती हैं,
देश प्रेम के लिए उन्हें जो
सदा अग्रसर करती हैं।
है सलाम तुझे ऐ नौजवान
जो देश सेवा को तत्पर रहते हैं,
युद्ध -मेघ घनघोर देख भी
मैं वापस आऊँगा कहते हैं।
