प्यार - सिर्फ तुम
प्यार - सिर्फ तुम
प्यार है शायद इक एहसास,
दो दिलों को ये रखे साथ।
कभी - कभी है ये दोस्ती का नाम,
हर पल साथ निभाना है जिसका काम।
प्यार है कभी इक सुंदर छाया,
सुख - दुख में रहे यह बनकर साया।
है ये शायद नाज़ुक - सी डोर,
खुशी है इसकी अंतिम छोड़।
कभी - कभी है नोक - झोंक से भरी,
हंसी - खुशी की ये लाए घड़ी।
प्यार है शायद यादों का मेला,
ये छोडे़ न किसी को तन्हा अकेला।
कभी - कभी ये है इक पूजा ,
प्रेमी के सिवा न इसे भाये दूजा।