जीना है सबके लिए
जीना है सबके लिए
जो संघर्ष करके जीता है वही तो महानायक है।
आराम से जिए, और खुद के लिए जीए फिर तो वो एक कायर है।
सुनी न हो जिसने कभी सिसक अपनों की क्या वो फिर एक मानव है,
मानव का तो मतलब हीं असीमित परीक्षा का फल है।
यौवन आता यौवन जाता खोता नहीं कभी बचपन है,
उनके सिर से अपने सिर पर गठरी लेना जीवन है।
जब हो कोरा कागज़ ख़ुद ये, सुंदर, चंचल हर क्षण हो,
उस मन से जब खुद को देखे उथल पुथल अंतर्मन हो।
