संबंध अब मोबाइल सिम जैसे..
संबंध अब मोबाइल सिम जैसे..
लोग कहने लगे कि, रिश्ते दिल से बनाया करो,
रिश्ते बना लिए तो उन्हे दिल से निभाया करो,
जब दिल धड़कते धड़कते, अपनो की वो बातें,
दिल के दर्द के साथ बाहर आती है तो,
लगने लगता है कि,
दिल के सबंधो को भी बीमारियों ने घेर लिया है,
जो कभी खास बनते थे, उन ने भी मुंह फेर लिया है,
अब हालत यह है,
जो रिश्ते दिल की गहराईयों से जुड़े थे,
उसमें कई रिश्तो को हार्ट अटैक आ चुके हैं,
बचे कुछ रिश्ते अब हार्ट फेल जैसे हो चुके हैं,
अब रिश्ते बचे है तो मोबाईल वाले बचे हैं,
सर्वर नहीं मिल रहा, तो सिम बदल लोे,
लोग पल पल दोस्त बदल रहे हैं,
जो कभी दिल के रिश्ते रखा करते थे,
वे अब फेसबुक फ्रेंड से चल रहे हैं।