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Gopal Agrawal

Others

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Gopal Agrawal

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क्या आपको नींद आती है...

क्या आपको नींद आती है...

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किसको नीदं आए,

किस की गायब हो जाए,

कोई कांटो पर भी सो जाए,

किसी की डनलप पर भी,

महीनों नींद उड़ जाएं,

क्या पता ऐसा क्यों होता है,

इस अनोखे रहस्य का,

हम सब मिलकर पता लगाए,

कौन है जिसको नींद आती है,

किसी गरीब को, या पैसे वालो को,

मेहनती इंसान को,या फिर सुखी इंसान को,

कुंवारे को, या शादी शुदा को,

बच्चे वालों को,

या फिर बिना औलाद वालो को,

नींद की गोली देने वालो को,

या फिर नींद की गोली लेने वालो को,

अनपढ़ो को या फिर पढ़े लिखो को,

आखिर नींद आने का पैमाना क्या है,

क्या नींद कोई डिग्री है,

या फिर कोई कोर्स है,

ये बाजार में बिकती है,

या फिर पेड़ो पर लटकती है,

कहीं तो भटकती है,

भूले भटके निंदया रानी,

जिनको भी आती है,

बिना बुलाए ही पहुंच जाती है,

जो जैसा बैठा है उस पर,

असर दिखाती है,

कैसा ही बैठा हो,

एक बार तो अपने आगोश में,

बुरी तरह से गिरा जाती है,

वो शख्स बोलता है,

बहुत ज्यादा नींद आ रही है,

क्या पता क्यों आ रही है,

इसकी का तो पता लगाना है,

ये नींद उसे ही क्यों आ रही है,

हमें क्यों नहीं आ रही है,

वहीं कुछ ऐसे भी शख्स है,

जो यह कहते है कि,

कई दिन हो गए,

नींद ही नहीं आ रही है,

कई दिनों से बुला रहे है,

उसके लिए अच्छे बिस्तर लगा रहे है,

नींद की गोलियां भी खा रहे है,

फिर भी निंद्रा रानी,

न जाने क्यो दूर भाग रही है,

शायद हमसे नाराज है,

लेकिन हमने क्या किया,

हम भी तो इंसान है,

कोई कहता है,

शैतानो को नींद नहीं आती है,

नहीं आए हमारी बला से,

आखिर वो शैतान जो ठहरा,

लोगों की नींद जो उड़ा देता है,

लेकिन अब तो,

भले इंसानो की नींद उड़ी हुई है,

वो भी ऐसे ऐसों की,

जिनकी तूती हर जगह पर बोलती है,

लेकिन जब नींद की बातें होती है,

उनकी जुंबा नींद नहीं आने का बोलती है,

नींद अपने आप में एक अनोखा रहस्य है,

जो भी इस पर अमल करता है,

या तो वो अमल करते करते,

नींद का आगोश में समा जाता है,

या फिर उसकी नींद भी गायब हो जाती है,

इसलिए सब एक बात कहते है,

आराम बड़ी चीज है,मुंह ढक कर सोईए,

नींद आए तो अच्छा, नहीं तो जी भर के रोईए।



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