संभाल के बैठे हैं !
संभाल के बैठे हैं !
उनसे बिन
बात किये बिना
बड़ा मुश्किल है,
एक पल भी
रह पाना,
नामुमकिन है।
ये गम जुदाई का
सह पाना,
संभाल के बैठे हैं
कब से हम,
अपने जज्बात को,
दिल ही दिल में
पनपने दे रहे हैं।
ख़्यालात को,
इंतज़ार कर रहे हैं,
उसके आखिरी
सवालात को,
दूभर हो गया है।
अब तो
मेरा जीना,
उनसे बिन
बात किये बिना
बड़ा मुश्किल हैं।
एक पल भी
रह पाना !