समय की मांग
समय की मांग
नहीं नहीं यह समय नहीं नफरत द्वेष बढ़ाने का,
मीठा बोलो, मिलजुल डोलो, समय है प्रेम बढ़ाने का।
माना जरूरी, है दो गज दूरी, आत्म संयम बढ़ाना है,
किसने कहा, मन गुंजित भाव को मन में ही छुपाना है।
है दिल में यदि प्रेम तो, प्रेम से इसे भी संभाल लो,
एक दूजे के सम्मान को, सम्मान से ही सम्मान दो।
दिलों की आग बुझा दो ये समय है शांति फैलाने का।
नहीं नहीं यह समय नहीं नफरत द्वेष बढ़ाने का,
मीठा बोलो, मिलजुल डोलो, समय है प्रेम बढ़ाने का।