STORYMIRROR

VIMAL KANT SHARMA

Tragedy Inspirational

4  

VIMAL KANT SHARMA

Tragedy Inspirational

मेरी हिन्दी सबकी हिन्दी

मेरी हिन्दी सबकी हिन्दी

1 min
401

हिन्दी प्यारी लागे हिन्दी की छवि निराली है I

भाषाओँ में भाषा उत्तम हिन्दी भोली-भाली  है ll

उस वतन की बोली हिन्दी जिसमें गोरे आये थे I

गुलामी और हिन्दी की सौत अपने साथ लाये थेll

हिन्दी को बचाने को सभी ने गीत गाये थे I

भूल गये आज तब प्राण तक गँवाए थे I I

आज सौत अपनी हुई हिन्दी तो परायी है I

आज का मानव तो मुझे लागे एक कसाई है I I

हिन्दी प्यारी लागे हिन्दी की छवि निराली है I

भाषाओँ में भाषा उत्तम हिन्दी भोली भाली है I I

बच्चे विद्यालय/विद्यालय को जायें वापस इसको भूल के आयें I

अंग्रेजी में बोलेंचालें अंग्रेजी को ही अपनायेंll

डिग्रीयों को ही लें तो “बी.ए”.और “बी.एस.सी” कहते हैं I

माध्यम हिन्दी हो पर शीर्षक अंग्रेजी के रहते हैंll

कैसा यह विकास कैसा आत्म निर्भर है यह देश I

गुरुओं ने ही शिक्षा का बदल दिया पूरा भेष I I

हिन्दी प्यारी लागे हिन्दी की छवि निराली है I

भाषाओँ में भाषा उत्तम हिन्दी भोली भली है I I

 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy