प्रकाश पर्व दीपावली
प्रकाश पर्व दीपावली
क्या भारत की जनता मे आदर्श राम के पनपेंगे
घोर युद्ध मर्यादा मे रहकर मर्यादा पर ही हुआ
मर्यादा की रेखा तब जब लाँघ दी थी रावण ने
सावधान कर ललकारा श्री राम ने रावण को रण मे
राज पाट को छोड़ चुके पर युद्ध किया लंकापति से
धर्म अधर्म के बीच युद्ध पर चला था मर्यादित गति से
जब अधर्म की पराकाष्ठा का अंधकार ही छाया था
श्री राम की मर्यादा का बल प्रकाश तब लाया था
शिक्षा राम जी के जीवन से जीवन भर की मिलती है
दीपों की माला भारत मे श्री राम की खिलती है
क्या हम उनके आदर्शोँ को अपनायेंगे जीवन मे
दीपों की माला बनकर हम किरण पुंज बन जायेंगे
प्रभु राम के नाम से हम सब दीपावली मनायेंगे।
