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VIMAL KANT SHARMA

Inspirational

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VIMAL KANT SHARMA

Inspirational

मेरी हिन्दी सबकी हिन्दी

मेरी हिन्दी सबकी हिन्दी

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मेरी हिन्दी सबकी हिन्दी

हिन्दी प्यारी लागे हिन्दी की छवि निराली है

भाषाओँ में भाषा उत्तम हिन्दी भोली भाली है

उस वतन की बोली हिन्दी जिसमें गोरे आये थे


गुलामी और हिन्दी की सौत अपने साथ लाये थे

हिन्दी को बचाने को सभी ने गीत गाये थे

भूल गये आज तब प्राण तक गँवाए थे

आज सौत अपनी हुई हिन्दी तो परायी है


आज का मानव तो मुझे लागे एक कसाई है

हिन्दी प्यारी लागे हिन्दी की छवि निराली है

भाषाओँ में भाषा उत्तम हिन्दी भोली भाली है

बच्चे विद्यालय को जायें वापस इसको भूल के आयें


अंग्रेजी में बोलेंचालें अंग्रेजी को ही अपनायें

डिग्रीयों को ही लें तो बीएऔर बी एस सी कहते हैं

माध्यम हिन्दी हो पर शीर्षक अंग्रेजी के रहते हैं

कैसा यह विकास कैसा आत्म निर्भर है यह देश


गुरुओं ने ही शिक्षा का बदल दिया पूरा भेष

हिन्दी प्यारी लागे हिन्दी की छवि निराली है।


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