पित्रों को समर्पित
पित्रों को समर्पित
1 min
311
आज हम हैं कल बनेंगे
पितृ इस संसार के
लौट कर नहीं आयेंगे
आपके व्यवहार मे
तुम भुला दोगे हमे
हमसे ही तो तुम हुये
कुछ हमे भी याद रखना
आज के व्यवहार मे
हम नहीं होंगे तो क्या
तुम हो हमारे रूप मे
अंश तुम ही तो रहोगे
छाँव मे और धूप मे
जो नहीं हैं आज उनको
याद हम कर लें जरा
उनकी यादों को समेट के
आँख मे भर लें जरा
पित्रों का आभार है
हम आज कल वे थे यहाँ
उनका ही उपकार है
कल तुम रहोगे हम वहाँ
आज हम हैं कल बनेंगे
पितृ इस संसार के
लौट कर नहीं आयेंगे
आपके व्यवहार मे।