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Aditi Vats

Tragedy Others

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Aditi Vats

Tragedy Others

मुबारक हो

मुबारक हो

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मुबारक हो!

आप मानवता को खो चुके हैं

हां! इस कलयुगी मानव ने

अपनी समझ और अक्ल खो चुके हैं

भागते हैं बिरानी चीज़ के पीछे

दूसरों की नज़रों में उठने को ऊपर

खुद की नज़रों में गिर रहें हैं नीचे।


मुबारक हो!

आप पानी को खो चुके हैं

हां! इस कलयुगी मानव ने 

इस तरह इसे बर्बाद किया है

कि कोई न इसे आबाद कर पाया है

कैसे समझ आएगी इसे ये बात 

पानी के बिन ना कटे दिन और ना ही रात।


मुबारक हो!

आप धरती मां को खो चुके हैं

हां! इस कलयुगी मानव ने 

ज़मीं के चक्कर में 

अपना ज़मीर बेच दिया है 

अपना ईमान बेच दिया है

अपना अस्तित्व बेच दिया है।


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