कन्या पूजन
कन्या पूजन
करके नवरात्रि में कन्या पूजन
हाथ छुड़ा लेते हो बाबूजी
हर दिन क्या पूजते हो
अपनी लाड़ली कन्या को
क्या गले लगाते बाबू जी
कन्या पूजन तो सब करते
पर दिल से पूछो क्या करते हो
बेटे को देते हो शिक्षा-दीक्षा
क्या बेटी को भी देते हो
बेटे को हो पहनाते सूट-बूट
पर बेटी को शरमाना सिखलाते हो
बेटे के लिए खेल –खिलौने लाते
बेटी से चौका–बर्तन करवाते हो
दिल से पूछो अपने बाबूजी
क्या बेटी के अरमान भी पूरे करते हो
जब सम्मान नहीं जनक धाम
तो क्या मान मिलेगा अवधपुरी में ।