STORYMIRROR

Anush Malik

Tragedy

3  

Anush Malik

Tragedy

हम चले

हम चले

1 min
534

हम चले, हम चले

विकास की राह पर

ऑक्सीजन के साधन, पेड़ो को काटते

हम चले

पशु पक्षियों के घर, जंगल को जलाते

हम चले 

विकास की राह पर हम चले 


हम चले, हम चले 

विकास की राह पर 

पेड़ो को काट कर 

हवा दुषित करते हम चले 

पृथ्वी को बंजर बनाते हम चले

जीवन दुश्वार करते हम चले 

वकास की राह पर हम चले 


हम बढ़े, पेड़ कटे 

पेड़ बढ़े, हम बढ़े 

जीवन की इस डोर को काटते हम चले 

पेड़ काटते हम चले

विकास रूपी बर्बादी की राह पर हम चले 

वकास की राह पर हम चले 

हम चले, हम चले।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy