फौजी
फौजी
चल चला चल
चल चला चल
हवा के संग
चल चला चल
दमनकारी गर्मी में
ठिठुरती सर्दी में
तूफानी वर्षा में
चल चला चल
कच्छ की तीखी रेत में
हिमालय की बर्फीले पहाड़ियों में
कश्मीर के नुकीले जंगलो में
चल चला चल
तू चला तो देश चला
तू ठहरा तो देश ठहरा
तू नहीं तो देश नहीं
थल,नौ और वायु
तीनो कन में
चल चला चल
चल चला चल
हवा के संग
चल चला चल !