दमनकारी गर्मी में ठिठुरती सर्दी में तूफानी वर्षा में चल चला चल ! दमनकारी गर्मी में ठिठुरती सर्दी में तूफानी वर्षा में चल चला चल !
क्यूंकि वो कंधों पर अपने सारा हिंदुस्तान लिए फिरता है। क्यूंकि वो कंधों पर अपने सारा हिंदुस्तान लिए फिरता है।
हे मेरी कर्मभूमि । अभिनन्दन स्वीकार करो तुम मेरा! हे मेरी कर्मभूमि । अभिनन्दन स्वीकार करो तुम मेरा!