STORYMIRROR

Anush Malik

Tragedy

4.9  

Anush Malik

Tragedy

उस रिश्ते के नाम

उस रिश्ते के नाम

1 min
292


हर साल श्रवण के महीने में 

पूर्णिमा के शुभ अवसर पर

रक्षा बंधन आता है

इस अंधेर नगरी में 

भाईयों और बहेनों को 

एक दूसरे के याद दिला जाता है। 


में अलबेला इस अंधेर नगरी से

पूछता हूँ इन भाईयों से

क्या इनहे जरूरत उस धागे की

बहेनो की याद हेतु

बहेनो की रक्षा हेतु।


ये अलबेला पुछत इन बहेनो से

क्यों चाहियें इनहे त्योहार का बहानों 

भाई से मिलने के लिए

भाई का मुँह मीठा करने के लिए

भाई का तिलक करने के लिए।


इस संसार की रीत है

सबको कभी ना कभी जाना है

प्रतिदिन एक पल हों

इस भाई बहन के रिश्ते के लिए

जिसे किसी त्योहार की

कभी जरूरप ना हों।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy