नीली सी प्रकृति
नीली सी प्रकृति
जब तप पूरा कर आंखें खोली थी
पार्वती मां ने,
जब शिव को समर्पित होकर शिवमय हुई
पार्वती मां ।
तब प्रकृति ने जादू दिखाया था
वो आसमां नीला होकर मुस्कुराया था
वो सरोवर का जल
नीला होकर कल कल कर लहरें उठा रहा था।
सागर की लहरें आसमा से मिलने को आतुर थी
नीली सी ये पृथ्वी खुद में और गहन हुई थी
देवों ने पुष्पों की वर्षा की थी
जब देवी पार्वती ने तप और त्याग की परीक्षा पास की थी।
एक अलग सी ऊर्जा सबने महसूस की थी
वो ऊर्जा जो पूरे विश्व को सकारात्मक कर रही थी
वो नहीं कोई और थी
वो पार्वती देवी थी।।