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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Inspirational

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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Inspirational

हमारी यादें आएंगी।

हमारी यादें आएंगी।

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हर कोई हमको भूल जाएगा जिस दिन नज़रें हमारी बंद हो जाएंगी।

एक माँ ही होगी बस रिश्तों में शायद जिसको हमारी यादें आएंगी।।1।।


रखती है मेरा ख्याल कितना मेरी माँ दुनिया से लड़ झगड़कर।

गर हुआ जायज़ सजदा माँ को कभी तो खुदा के बाद माँयें ही आयेंगी।।2।।


हमने चाहा बहुत कि अश्क़ ना आये उनकी नज़रों में कभी भी।

मेरे मरने के बाद देखना उनको हमारी बातें कितनी याद आएंगी।।3।।


आ मिल बाटकर जी ले हम हमारी ज़िन्दगी को अपने रिश्ते में।

वरना मेरी मौत के बाद फिर कहाँ ये हंसीं बातें तुमसे हमारी हो पायेगीं।।4।।


अपना घर तो अपना ही घर होता है दुनिया में मक़ाम के लिये।

मत रुकना दूसरों के मकानों पर वरना नज़रों में फिर नींदे कहाँ आयेंगी।।5।।


मानते है दुनिया में उनको दीन की राह में मिली आजमाइशें बहुत।

पर तुरबतों से उठकर हश्र में इनकी रूहें जन्नत में मक़ाम पाएंगी।।6।।



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