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Ashutosh Atharv

Tragedy

4  

Ashutosh Atharv

Tragedy

समय का मारा कलाकार

समय का मारा कलाकार

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मैं हारा हुआ इंसान हूं

पर आज, यक़ीनन कलाकार हूं

जन्म से कला विहीन था

पर समय का मारा, कलाकार हूं


कौन सा व्यक्ति और परिवार ऐसा

जिसने ना खोया कोई अपना

नहीं हो सकती जिसकी भरपाई ,

कुछ भी यत्न और प्रयत्न कर

ना ही आज, ना ही कल


कहते है, समय हर घाव भर देता है-

क्या भर पायेगा वो कमी?

जो खाली हुआ है मां बाप के जाने से

क्या जीते जी कोई भर पायेगा ?

जिसने खोया अपने सहारे का लाठी


हम कितने विवश-असहाय है

झूठी आश्वासन-ढांढस के लिए भी लब नहीं खुलते, 

कांपते हाथों से सहारा बनने की कोशिश करते

जबकि डर के साये मे जीने को दोनो मजबूर 


बहलाना चाहते अपने और दूसरे का मन

पटरी पर लाना चाहता, फिर वही जीवन 

सच बता,क्या नही हूं, हारा हुआ इंसान ?

नहीं हूं समय का मारा कलाकार?


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