समय विकट है
समय विकट है
हम सोशल मीडिया की सिपाही
पर क्या गाली देना ही है काम ?
कोई कुछ भी लिखे कुछ भी करे
क्या यही बचा है काम ?
समय बहुत विकट है
काल बहुत सन्निकट है
दे सहयोग भरपूर
चाहे रह रहे हो दूर
फिर दुःख होगा अस्त
रोग भी होगा परास्त
तब खिंचते रहना पैर
निकालते रहना दोस्ती वाला वैर
स्वीकार करेंगे आपकी दबंगई
कुछ हदतक नोकझोंक की गुंडई
अभी फैलाओ पोजीटीवीटी
ताकि जीत सके 'पोजीटीव' को
होकर निगेटीव।