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Mukesh Kumar Modi

Romance

4  

Mukesh Kumar Modi

Romance

समझो अपनों का मोल

समझो अपनों का मोल

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छोड़कर जाने से पहले, जरा मुड़ के देख लो उसे

शायद कुछ कहना हो तुझे, मायूस ना करना उसे


जीवन भर पछतावा, ना रहे तुम्हें और ना ही उसे

कहीं ऐसा भी हो जाए, फिर से तू मिल जाए उसे


अपना समझकर अगर, किसी के दिल में आओ

कभी उसका दिल बेवजह, यूँ तोड़कर ना जाओ


अगर किसी के बनकर, उसको भूल भी जाओगे

कभी ना कभी जीवन में, तुम सामने उसे पाओगे


आपकी हो या उसकी, जिन्दगी सबकी अनमोल

किनारा करने के बदले, थोड़ा तो रखो मेलजोल


पछतावा ना करना पड़े, उससे बिछड़ने के बाद

जब तक वो है जिंदा, करो मिलकर वक्त आबाद!



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