समझदारों को ईश्क नहीं करना चाहिए
समझदारों को ईश्क नहीं करना चाहिए
समझदारों को इश्क नहीं करना चाहिए
क्योंकि इश्क तो हर कोई कर लेता है
पर निभाते वक्त गिनती कम पड़ जाती हैं।
वैसे इश्क, मोहब्बत, प्यार-व्यार
ये सब समझदारों के बस की बात नहीं है
ये तो बेवकूफों का काम है
क्योंकि इसमें कोई चालाकी नहीं हैं
और कोई हिसाब किताब भी नहीं है
वापस मिले ना मिले, फिर हो या ना हों
कुछ पता नहीं, कुछ खबर भी नहीं।
समझदार लोग तो बस
हिसाब किताब लगाने में लगे रहते हैं
जो बेवकूफ होता है वही निभाता है
और अंत में वही फिर से बेवकूफ बनता है
इसलिए बेवकूफों को तो समझाना मुश्किल है
लेकिन समझदारों को इश्क नहीं करना चाहिए,
बिल्कुल भी नहीं!
