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Anita Purohit

Drama

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Anita Purohit

Drama

सज़दा

सज़दा

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मेरे ग़म मुझे अपने इज़हार की

इज़ाजत नहीं देते हैं,


ज़माने के ग़मों के सैलाब के आगे

वो कहाँ ठहरते हैं।


उनके ऊपर से गुज़रती है जब

किसी और के ग़म की लहर,


सज़दे में उसके वहीं वो

अपने इस सर को झुका देते हैं।


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