सिर्फ -तुम्हारा।
सिर्फ -तुम्हारा।
तुझको जब भी अपने पास पाता ,दिल का धड़कना होता है
तुम ही मेरी जरूरत हो, रातों में करवटें बदलना होता है
तेरी एक निगाह के जादू से, अपने को ही भूल बैठा हूं
भीड़ भरी इस दुनिया में, तुझको अपना ही मान बैठा हूं
दर-दर भटकता फिर रहा था ,तेरी एक झलक पाने को
खुद से ही बातें करता था ,तुझे कैसे भी अपनाने को
माया रूपी आंधियां चली, ह्रदय चिराग बुझाने को
स्नेह भरी तेरी यादों ने, रुकने ना दिया पास आने को
तेरे नाम को ही मैं मान बैठा, जीने का एक सहारा है
पर तुम निराश मत होना," नीरज" बस तुम्हारा है।