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Dr. Hemlata

Romance

4.5  

Dr. Hemlata

Romance

सिर्फ तुम

सिर्फ तुम

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तुमसे शुरु,

तुम पर खत्म।

तुम्हारे लिए ही

लू फिर से जन्म।


तुमसे ही सासें,

तुमसे ही आहें।

तुम बिन है सुनी,

तड़पती ये बाँहें।


साँस आती नहीं,

जान जाती नहीं,

अधरो से अधारों तक,

हूं तुम बिन अधूरी।


थाम लो मुझे तुम,

कर दो हर आस पूरी।

जीने की तमन्ना ,

मरने की ख्वाहिश।


धरो अब चुटकी 

कर दो मुझे सिंदूरी।

तुम बिन अधूरी,

तुमसे हूं पूरी।

तुमसे हूं पूरी।।


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