मां का लाल
मां का लाल
मां दे के आशीष मुझे खिलने तो दो,
कांटों की राह पर चलने तो दो।
मैं जब से तेरा लाल हुआ,
तेरी दुआ से विशाल हुआ,
कब तक उंगली थामे रहोगी,
मुझे गिर के संभलने तो दो।
कांटों की राह पर चलने तो दो।।
मेरा ये जीवन, तुमको अर्पण,
तुममें ही होता, कान्हा के दर्शन,
कब तक मेरी छाया बनोगी,
मिट के फिर से बनने तो दो।
कांटों की राह पर चलने तो दो।।
हिम सा ये जीवन, पथरीली राहें,
मंजिल की दूरी, लक्ष्य पुकारें,
कब तक मेरा तुम भार धारोगी,
जलकर अब पिघलने तो दो।
कांटों की राह पर चलने तो दो।।
अम्बर सा मन, दया भावना,
हर्षित पुलकित, हृदय कामना,
कब तक मेरी ढाल बनोगी,
बाधाओं के रण में जाने तो दो,
कांटों की राह पर चलने तो दो।।
बड़े लाड से पाला, ताउम्र संभाला,
ये थमता, थकता जीवन, तू ही सहारा,
मरते दम तक तेरी ढाल बनूंगी,
कांटों की राहों पर तेरे संग चलूंगी।
मां दे के आशीष मुझे खिलने तो दो।
कांटों की राहों पर चलने तो दो।।
