लम्हें जिन्दगी के
लम्हें जिन्दगी के
कभी हसाते कभी रुलाते,
कभी हृदय ज़ख्मी कर जाते,
जिंदगी के इस सफर में,
कभी छलक के अश्क हो जाते,
ऐसे हैं लम्हें जिन्दगी के।
हंसते हंसाते मन को लुभाते,
कभी जताते,कभी छुपाते,
उम्र भर के इस डगर में
सपने चनक के मिट्टी हो जाते,
ऐसे है लम्हें जिन्दगी के।
वो दुख की घड़ी में,बेगाने हो जाते,
हो अपनी जरूरत, सयाने हो जाते,
स्वार्थ के इस जहां में,
ऐसे रिश्ते बेमानी हो जाते,
ऐसे है लम्हें जिन्दगी के।
मंजिल तक दिलों का सफर,
लम्हों से लम्हों तक का सफर,
अब नहीं है बस में किसी के,
ऐसे है ये लम्हें जिन्दगी के।