आंखसोई सोई आंख न लगी,
आंखसोई सोई आंख न लगी,


सोई सोई आंख न लगी,
यू ही रात भर आंख न लगी,
उसकी चाहत में खोई थी,
जिसे हर हाल में
निभानी है
सोच सोच के आंख थक गई,
यादों को के दिल से लगाए
बैठी रही,
उस रात के अंधेरे में
आंखो के सवेरे ने
छलकती आहोों
ने, मार डाला
मुझे उसके इश्क ने।