आगे बढ़े
आगे बढ़े
हाथ थाम कर एक दूजे का चलो आगे बढ़े,
आगे बढ़े और सीढ़ी दर सीढ़ी उपर चढ़।
ऐ मेरे बिछड़े दोस्तों,
थाम लो तुम हाथ हमारा,
देंगे हर कदम पर हम साथ तुम्हारा,
ना करो परवाह दुनिया की तुम,
बन जाओ टूटे का सहारा,
मिल कर हम सब गरीबी से लड़े,
आगे बढ़े और सीढ़ी दर सीढ़ी उपर......।
मिट जाएगी काली रात,
नया सवेरा आएगा जरूर,
पाकर नया सवेरा,
हो ना जाना तुम मगरूर,
उसके लिए तुम कदम बढ़ाना,
जो हो दुनिया में मजबूर,
मिलकर हम सब महामारी से लड़े,
आगे बढ़े और सीढ़ी दर सीढ़ी उपर.....।
जिंदगी फूलों की सेज नहीं,
कांटों भरी फूल का नाम है,
यहां बढ़ते रहना है हर लम्हा,
एक पल ना आराम है,
बेफिक्री से आगे बढ़,
तेरे साथ कर्मों की शाम है,
श्रम के सहारे बेरोजगारी दूर करें,
आगे बढ़े और सीढ़ी दर सीढ़ी उपर....।
हर मोड़ पर जिंदगी के अंधेरा सा है,
खींच लाए खुद को निशा से तो
जिंदगी में तेरा बसेरा सा है,
आओ मिल कर हम सब कुरीति से लड़े,
आगे बढ़े और सीढ़ी दर सीढ़ी उपर.....।
