STORYMIRROR

Dr. Hemlata

Others

4  

Dr. Hemlata

Others

खो गई मैं

खो गई मैं

1 min
223

आज जी भर के रोना चाहती हूं मैं,

खुद को आँसुओं से भिगोना चाहती हूँ मैं,

ना रोको मुझे आज कोई,

बह जाने दो इन आँसुओं को,

बस इन्हें बहा कर कुछ पल सोना चाहती हूं मैं।

आज जी भर के रोना चाहती हूं मैं ।।


हर ग़म को सीने से निकालना चाहती हूं मैं,

हर दर्द से खुद को संभालना चाहती हूं मैं,

खो गई हूं मैं, जहां की भीड़ में,

इस भीड़ से बाहर आना चाहती हूं मैं

आज जी भर के रोना चाहती हूं मैं ।।


सबके लिए अच्छा चाहती हूं मैं,

दिलदार भी सच्चा चाहती हूं मैं,

है कितने मतलब के ये जहां वाले,

हर शख्स को अब पहचानती हूं मैं

आज जी भर के रोना चाहती हूं मैं ।।


अपनों के लिए ताउम्र जीती हूं मैं,

खुद को ही खुद से खोती हूं मैं,

है कौन यहां जीये जो मेरे लिए,

अब खुद के लिए जीना चाहती हूं मैं

आज जी भर के रोना चाहती हूं मैं।

             


Rate this content
Log in