कारवां सफ़र पे निकला, मंज़िल है आगोश तुम्हारी। कारवां सफ़र पे निकला, मंज़िल है आगोश तुम्हारी।
काश की चुका पाती मैं भी आसमान सा भरपूर। काश की चुका पाती मैं भी आसमान सा भरपूर।
बचा रहे ढीठता का चुटकी भर नमक लज्जा के अंतहीन समुद्र में बचा रहे ऋतुओं में थोड़ा-सा बचा रहे ढीठता का चुटकी भर नमक लज्जा के अंतहीन समुद्र में बचा रहे ऋतुओं ...
धरो अब चुटकी कर दो मुझे सिंदूरी। तुम बिन अधूरी, तुमसे हूं पूरी। तुमसे हूं पूरी।। धरो अब चुटकी कर दो मुझे सिंदूरी। तुम बिन अधूरी, तुमसे हूं पूरी। तुम...
लगती है क्यूंकि संवेदनाओं की चुटकी भर अहसास से परे जो होती है। लगती है क्यूंकि संवेदनाओं की चुटकी भर अहसास से परे जो होती है।
बेमौसम बारिश समंदर को कत्ल का गुनहगार साबित कर गई बेमौसम बारिश समंदर को कत्ल का गुनहगार साबित कर गई