सिफारिशें
सिफारिशें
सिफारिशों का सिलसिला तुम संग यूँ ही चलता रहे,
ऋतु परिवर्तन है आकर्षक यह हर-पल बदलता रहे,
पवन चले जब भी झकझोर यहाँ नित वो शोर मचाए,
उस पवन के शोर में तेरा प्यार एक नया सा राग सुनाए,
रुन झुन रुन झुन पायल बजे पुनर्मिलन के राग सुहाये,
सिलसिला ये यूँ ही बरकरार रहे फिर वो दिन लौट आए,
तारों की झिलमिल सीढ़ी लाकर चलो हम कहीं दूर चले,
इश्क का रंग यूँ ही चढ़ता रहे और नजरों से नजरें मिले ,
नित नई उमंगों संग तुम आज एक गीत नया बन जाने दो,
सिफारिशों का सिलसिला अब तो यूँ ही चलते जाने दो,
जब तुम आए तुम्हें देखकर वन उपवन कलिका मुस्काई,
जीवन तन यौवन रस को अब तो यहाँ पर मिल जाने दो I