Manjul Singh
Tragedy Crime Fantasy
सब सिलवटें एक
जैसी नहीं होती
सबका अपना अपना
अभ्यास होता है
जैसे--
बिस्तरों पर रहती सिलवटें,
कपड़ो में पड़ी सिलवटें,
औरत के जिस्म पर बनायीं सिलवटें
और आदमी के माथे पर
खीची सिलवटें !
डॉक्टर और साह...
मतदान
तलाक
है !
तबायफखाना
कुत्ते
मैं क्यों लिख...
चल, चल रे किस...
नेता जी, नेता...
मुखौटा
मेरी दुविधा समझे कौन?? उनको मना कर लाये कौन? मेरी दुविधा समझे कौन?? उनको मना कर लाये कौन?
मैं और मेरी तनहाई अक्षर मुझसे ये सवाल करती है। मैं और मेरी तनहाई अक्षर मुझसे ये सवाल करती है।
फ़िज़ूल किस कद्र, वे यादें सिमटी है, जाने अनजाने ही, वो किताबों मे मिरे। फ़िज़ूल किस कद्र, वे यादें सिमटी है, जाने अनजाने ही, वो किताबों मे मिरे।
तुम्हारे गम तुम्हारे आंसू तुम्हारी हँसी तुम्हारी खुशी बाँटने के लिए तुम्हारे साथ हमेशा तुम्हारे गम तुम्हारे आंसू तुम्हारी हँसी तुम्हारी खुशी बाँटने के लिए तुम्हारे स...
वही पुराने महीने लाएगा... जनवरी से दिसंबर फिर आयेगा वही पुराने महीने लाएगा... जनवरी से दिसंबर फिर आयेगा
कैसा घना अंधेरा छाया कैसा घना अंधेरा छाया दिन है होता रात भी होती लोग भी सोते। कैसा घना अंधेरा छाया कैसा घना अंधेरा छाया दिन है होता रात भी होती लोग ...
कितने गये राह में भटक कितने घुल मिल गये कितने गये राह में भटक कितने घुल मिल गये
पर फूल तो अभी-भी ना खिल पाया है, पर फूल तो अभी-भी ना खिल पाया है,
कभी खुद का नज़रिया तो बदल कर देखो। कभी खुद का नज़रिया तो बदल कर देखो।
मुझको अपनी प्रियतमा सी दिखने लगी हो तुम मुझको अपनी प्रियतमा सी दिखने लगी हो तुम
सुनो ,तुम एक बार आ जाओ और वो सब ले जाओ जो तुमने कभी दिया था मुझे अपना बना कर। सुनो ,तुम एक बार आ जाओ और वो सब ले जाओ जो तुमने कभी दिया था मुझे अपना बना ...
एक जीता-जागता स्वार्थी महत्वाकांक्षी धूर्त, दंभी शहर है। एक जीता-जागता स्वार्थी महत्वाकांक्षी धूर्त, दंभी शहर है।
जो मेरे पागलपन को पसंद करे जो मेरी बातों को चुप-चाप सुने जो मेरे पागलपन को पसंद करे जो मेरी बातों को चुप-चाप सुने
यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं होता। यहाँ तक उनके द्वारा जीया जाने वाला जीवन ही। यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं होता। यहाँ तक उनके द्वारा जीया जाने वाला जीवन ही।
जो दिख जाते हैं जीवन रूपी आकाश में टूटते सितारों की तरह। जो दिख जाते हैं जीवन रूपी आकाश में टूटते सितारों की तरह।
वो ब्याहता है उसकी अब, तो करे भी तो कैसे करे इनकार। वो ब्याहता है उसकी अब, तो करे भी तो कैसे करे इनकार।
प्रेम दुख का भी पर्याय है। प्रेम दुख का भी पर्याय है।
ये मेरी हंसी और ये आवाज दुनिया के लिए है ये मेरी हंसी और ये आवाज दुनिया के लिए है
कुछ सपने देखे थे जो साथ में मैने वह टूटे भी कैसे, सवाल यह उठता सजाएं थे क्या सिर्फ तून कुछ सपने देखे थे जो साथ में मैने वह टूटे भी कैसे, सवाल यह उठता सजाएं थे क्या ...
खूबसूरत चेहरे पर पिघल जाते हैं लोग। खूबसूरत चेहरे पर पिघल जाते हैं लोग।