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Kanchan Prabha

Tragedy

5.0  

Kanchan Prabha

Tragedy

सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

सीता की अग्नि परीक्षा कब तक

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वह अग्नि परीक्षा तब भी थी

वह अग्नि परीक्षा आज भी है

कुछ बदला नही यहाँ

यह वही संसार है


यहाँ वही संस्कार है

आज भी कोई स्त्री जब

घर के बाहर जाती है

समाज के ठेकेदारो की

नजरें उस पर होती है

घर आने पर वही पूछते

उससे ढेरों ढेर सवाल

हर सीता की अग्नि परीक्षा

हर रोज यहाँ पर होती है


क्यों दे सीता अग्नि परीक्षा

क्यों ये उसी का अभिशाप है

राम से कोई क्यो ना पुछे

आखिर इसका क्या राज है


बड़े प्रतिष्ठावादी थे वो

तो क्यो ना सीता को न्याय मिला था

आखिर पत्नी होने का ही शायद

सीता को असली वनवास मिला था।


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