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Neelam Sharma

Fantasy

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Neelam Sharma

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श्वास हुई निष्प्राण हमारी

श्वास हुई निष्प्राण हमारी

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श्वास हुई निष्प्राण हमारी।

लौ घटती सी त्राण हमारी।।


जीवन का रुख मोड़ गया वो,

श्यामल कान्हा कृष्ण मुरारी।।


शोभित नीलम माल बनूँगी।

बाँसुरिया सुर-ताल सुनूँगी।।


मोहन लीला रास रचेंगे,

मोर पखी श्री भाल बनूँगीं।।


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