शुक्रिया
शुक्रिया
आना जाना तो लगा रहता है
कौन आगाज़ से अंजाम तक साथ देता है
उसका उतना शुक्रिया जनाब
जो शख्स जहाँ तक साथ देता है
दिल पर गहरे निशान बनाकर,
फिर बिछड़कर खो जाने तक साथ देता है
कोई खिलाकर कोई खेलकर
अक्सर फिर तन्हा छोड़ने तक साथ देता है
कोई गली कोई चौराहा
तो कोई मजार पहुँचने तक साथ देता है
उसका उतना शुक्रिया जनाब
जो शख्स यहॉं तक साथ देता है ..
जो शख्स जहाँ तक साथ देता है !!