शरीफ़ लोग
शरीफ़ लोग
दिल के दरीचे में एक पेड़ लगा रखा है,
मैंने कांटों के बीच अमरबेल लगा रखा है,
मेरे इर्द गिर्द कुछ मुफ्त लोग बसते हैं,
जिन्होंने रोज कानाफूसी का कोई नया खेल लगा रखा है,
मैं कोशिश करूँ भी निकलने की
तो जिम्मेदारियां रुठ जाती है,
मेरी एक खूबी सभी को खल जाती है,
की वो लड़की अपने काम से आती है
अपने काम से जाती है,
दुश्मन बेवजह बन जाते हैं,
दोस्तियाँ टूट जाती है,
रब मुझे बस इस क़ाबिल बनाये रखे
रब मुझे बस इस क़ाबिल बनाये रखे
"कंचन" तुमने मुस्कानों का ढेर लगा रखा
याने कांटों के बीच अमरबेल लगा रखा है।